नई दिल्ली, ११ अगस्त आस्ट्रेलियाई महिला पर्यटक डान एमिली ग्रिग्स से सामूहिक दुष्कर्म और उनकी हत्या से जुड़े मामले में यहां की एक अदालत ने दो टैक्सी चालकों को मौत की सजा सुनाई है।
सोमवार को खचाखच भरी अदालत में फैसला सुनाते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार ने आस्ट्रेलियाई पर्यटक की बर्बरतापूर्ण हत्या के अपराध में ज्योतिष प्रसाद और आशीष कुमार को फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों दोषियों में से प्रत्येक पर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्हें सामूहिक दुष्कर्म, डकैती और सबूतों को नष्ट करने का भी दोषी ठहराया गया था। अदालत ने दोनों अभियुक्तों को गत दो अगस्त को दोषी ठहराया था।
हांगकांग से यहां स्थित आईजीआई हवाईअड्डा पर उतरने के कुछ ही घंटे के भीतर 17 मार्च 2004 को निर्जन इलाके में ग्रिग्स का शव पाया गया था। हत्या के लिए मौत की सजा के अतिरिक्त अदालत ने दोषियों को पर्यटक से सामूहिक दुष्कर्म करने को लेकर सश्रम कारावास की भी सजा सुनाई। ग्रिग्स यहां ध्यान लगाने से जुड़ी कक्षा में शामिल होने के लिए आई थीं।
फैसला सुनाए जाने पर दोषी प्रसाद की मां अदालतकक्ष में ही फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि मेरे गरीब और निर्दोष बच्चे को गलत तरीके से मौत ही सजा सुनाई जा रही है।
59 वर्षीय ग्रिग्स कैथे पैसिफिक उड़ान से गत 17 मार्च 2004 को तड़के हांगकांग से दिल्ली पहुंची थीं। वह ब्रह्मकुमारी ऐश्वर्य विद्यालय में ध्यान लगाने से संबंधित कोर्स में नामांकन के लिए यहां आई थीं। ग्रिग्स ने आईजीआई हवाईअड्डे से प्रीपेड टैक्सी ली थी और बाद में उनका शव पाया गया था।
अदालत ने 28 वर्षीय प्रसाद और कुमार को विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया था। चूंकि इस जघन्य हत्या का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था इसलिए अभियोजन पक्ष ने अभियुक्तों के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए परिस्थितिजन्य साइयों के साथ साथ दोषियों की डीएनए रिपोर्ट समेत फारेंसिक साक्ष्य का सहारा लिया।
पुलिस ने हवाईअड्डे पर प्रीपेड टैक्सी बूथ के रिकार्ड की जांच कर दोनों का पता लगाया था। प्रसाद को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि कुमार को 21 मार्च को उसके खुलासे पर गिरफ्तार किया गया था।
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