Aug 11, 2008

अमरनाथ भूमी विवाद, जंतर-मंतर पर संतों का धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली, ११ अगस्त- अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति के नेतृत्व में उत्तर भारत से आए सैकड़ों प्रमुख संतों ने रविवार को जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन वापस दिलाने की मांग की। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण तोगड़िया, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के नेतृत्व में संतों ने कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर से जंतर-मंतर तक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के 'बच्चा-बच्चा राम का, अमरनाथ के काम का', 'अमरनाथ की जमीन वापस दो, वापस दो' आदि नारों से संसद मार्ग गूंज उठा। इस मौके पर अमरनाथ संघर्ष समिति द्वारा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को ज्ञापन सौंपा गया।
इस दौरान प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि भारत में मुसलमानों के आने से करोड़ों वर्ष पहले ही बाबा अमरनाथ कश्मीर में विराजमान हैं। भारत के शिखर पर विराजमान भगवान भोले शंकर के कारण देश सुरक्षित है। राष्ट्रद्रोही व अलगाववादी बाबा अमरनाथ यात्रा को रोक कर कश्मीर घाटी को भारत से अलग करना चाहते हैं। हम उनके मनसूबों को कभी पूरा नहीं होने देंगे।
हरिद्वार से आए स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि जब कश्मीर के मुसलमानों को हज हाउस के लिए भूमि, हज टर्मिनल, हज सब्सिडी एवं तमाम तरह की अन्य सुविधाएं दी जाती है तो कश्मीर में बाबा अमरनाथ के लिए भूमि क्यों नहीं दी जाएगी? जिस यात्रा से कश्मीर के लाखों परिवार सालों भर अपनी रोजी कमाते हैं तथा वहां की सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है, तो यात्रियों को सुविधा क्यों नहीं? धरने में उत्तार भारत के प्रमुख संतों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर से आए विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे। जम्मू कश्मीर से विहिप के अध्यक्ष डा. रामाकांत दुबे, पनुन कश्मीर के सचिव कमल वांग्नू, कालिका पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत, दिल्ली संत महामंडल के संयोजक महंत नवल किशोर दास सहित सैकड़ों संतों ने संकल्प लिया कि यदि हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो ११ अगस्त को हम भारत का चक्का जाम करने को मजबूर होंगे।

No comments: