नोएडा, १ अगस्त- भारतीय राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वयोवृध्द नेता एवं पूर्व महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत का आज यहां निधन हो गया। उनके निधन की खबर आते ही नोएडा के मेट्रो अस्पताल में उनके अंतिम दर्शन के लिए गणमान्य नेताओं का तांता लग गया। माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी तथा सुश्री वृंदा करात एवं पार्टी महासचिव प्रकाश करात अस्पताल पहुंचे। पोलित ब्यूरो के सदस्य एस। आर। पिल्लई और पार्टी की केन्द्रीय समिति के सदस्य नीलोत्पल बसु भी अस्पताल पहुंच गए।
दिल्ली में पार्टी मुख्यालय ए.के. गोपालन भवन पर पार्टी का झंडा झुका दिया गया है। अस्तपाल में सबसे पहले पहुंचे येचुरी ने २३ मार्च, १९१६ को जालंधर के बादला गांव में जन्मे सुरजीत को महान स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत में साम्यवादी राजनीति धारा के शलाका पुरुषों में से एक बताते हुए कहा कि उनके निधन से माकपा ही नहीं, देश के राजनीतिक परिद्यश्य पर जो शून्य पैदा हुआ है, वह अपूरणीय है। लम्बे अर्से से बीमार चल रहे ९२ वर्षीय सुरजीत को सांस की तकलीफ के बाद सात जुलाई को फिर यहां मेट्रो अस्पताल में दाखिल कराया गया।
उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। आज अपराह्न एक बजकर ३२ मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। अस्पताल में सुरजीत का इलाज करने वाले डाक्टरों ने बताया कि गंभीर हृदयाघात के कारण उनका निधन हो गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं राज्यसभा भाकपा के नेता डी. राजा ने सुरजीत को महान देशभक्त क्रान्तिकारी एवं प्रखर साम्यवादी नेता बताते हुए कहा कि माकपा ही नहीं, बल्कि पूरे देश में कम्युनिस्ट आंदोलन के वह अग्रणी नायकों में एक थे।
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