Jul 14, 2008

सुरक्षा एजेंसीयों के लिए पहला एड्स सम्मलेन

इटानगर १४ जुलाई-देश के सुरक्षा एजेंसीयों (वर्दीधारी पुरुषों) के लिए यहां पहला एड्स सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें पुलिसकर्मियों को इस घातक बीमारी से संबंधित फिल्में दिखाईं गईं।
सावधान नाम का यह कार्यक्रम संयुक्त रूप से सीमा सुरक्षाबल । बीएसएफ. और यूएनएड्स द्वारा तैयार किया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय देश में २६ लाख पुलिसकर्मियों तक पहुंचने के लिए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे अन्य कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है।
यूएनएड्स के भारत समन्वयक रंजन द्विवेदी ने कहा प्रचार और जागरूकता के जरिए एड्स से लड़ने के लिए पुलिसकर्मियों को माध्यम बनाने के प्रयास किए जा रहे है ।
फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह बीएसएफ का एक डाक्टर उस जवान की जिन्दगी में उम्मीद की किरण लेया आता है जो लंबे समय तक अपने घर से दूर रहने के दौरान अनजाने में एचआईवी...एड्स का शिकार हो गया।
जवान को इस बात का उस समय पता चलता है जब वह अपने घायल साथी के लिए रक्तदान करने पहुंचता है। रक्तदान से पहले जब उसके खून की जांच की गई तो वह एचआईवी से संक्रमित पाया गया। वह इस बात से चिंतित हो गया कि उसकी गर्भस्थ पत्नी भी इस बीमारी से ग्रसित हो गई है।

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