शिवसेना ने शनिवार को बीसीसीआई पर भारतीय क्रिकेट के मानकों को बिगाड़ने के लिए निशाना साधा और इसके अध्यक्ष शरद पवार को भी आड़े हाथों लिया।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में लिखा गया है कि क्रिकेट एक मानसिक रोग बन चुका है। उद्योगपतियों और धनवान राजनेताओं ने बुरी तरह से इसका शोषण किया है।
इसमें लिखा है कि क्रिकेटर हर दिन और अमीर होते जा रहे हैं, वहीं किसानों को दो वक्त की रोटी नहीं मिल पा रही है और वे आत्महत्या कर रहे हैं।
संपादकीय में चुटकी लेते हुए कहा गया है कि महाराष्ट्र के बेटे और केंद्रीय कृषिमंत्री पवार एक दैवीय व्यक्ति हैं। वे ऐसे हैं जिसने कभी बल्ला नहीं उठाया और फिर भी भारतीय क्रिकेट को चला रहे हैं।
संपादकीय के अनुसार जिस तरह से उन्होंने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को क्रिकेट से साफ कर दिया यह उनकी शक्तियों का एक और नमूना है। अब कोई भी डालमिया की बात नहीं कर रहा है।
इसमें कहा गया है कि खिलाड़ियों पर धन वर्षा में मुख्य भूमिका निभाने वाले केंद्रीय मंत्री ने किसानों की समस्याओं को हल करके उन्हें आत्महत्या करने से रोकने के लिए थोड़ा ही काम किया है। संपादकीय कहता है धन वर्षा केवल क्रिकेटरों को लाभ पहुँचा रही है। इससे किसानों की आत्महत्याएँ नहीं रुक रही हैं।
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