Jun 28, 2008

थप्पड़ विवाद से सबक सीखा-हरभजन

तुनकमिजाज गेंदबाज हरभजनसिंह का कहना है कि इन्सान ही गलती करता है और वे भी इससे अलग नहीं है, लेकिन इस ऑफ स्पिनर ने साथ ही दावा किया कि उन्होंने टीम इंडिया के अपने साथी एस० श्रीसंथ के साथ हुए थप्पड़ विवाद से सबक सीखा है।
मोहाली में 25 अप्रैल को इंडियन प्रीमियर लीग मैच के बाद श्रीसंत को थप्पड़ मारने पर बीसीसीआई ने इस गेंदबाज पर पाँच एकदिवसीय मैचों का प्रतिबंध लगा दिया था। हरभजन ने अपनी नादानी स्वीकार की है और उनका मानना है कि गुस्से पर नियंत्रण रखने से उनकी परेशानी का हल निकल सकता है।
इस ऑफ स्पिन गेंदबाज ने एनडीटीवी से कहा कि ऐसी कई चीजें हैं जो मैं निश्चित तौर पर करूँगा, लेकिन हम सब इन्सान हैं और हम सब गलतियाँ करते हैं और उनसे सीखते हैं। अगर मेरे को गुस्सा कम आए तो उससे काफी कुछ समाधान हो जाएगा। यह सही है कि आपको कुछ करने से पहले सोचना चाहिए और इसके लिए पूरा समय लेना चाहिए।
अप्रैल 25 की घटना के बाद हरभजन के आईपीएल में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिससे उन्हें तीन करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसके बाद बीसीसीआई ने अलग से जाँच की और इस ऑफ स्पिनर पर पाँच एकदिवसीय मैचों का प्रतिबंध लगाया।
हरभजन ने इस पूरी घटना के लिए अपने जुनून और कभी हार न मानने वाले जज्बे को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मैं कभी मुसीबत में फँसने की योजना नहीं बनाता। मैं अपने खेल को लेकर काफी जुनूनी हूँ और मुझे अपने देश के लिए खेलना पसंद है। मैं काफी अधिक रम जाता हूँ, मैं जीतना चाहता हूँ, मैं सभी मैच जीतना चाहता हूँ और मैं मुश्किल हालातों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूँ।
उन्होंने कहा कि मैं टीम के लिए हमेशा मौजूद रहना चाहता हूँ। मैं जरूरत पड़ने पर देश के लिए उपलब्ध रहना चाहता हूँ और जब आप पूरी तरह से रम जाते हैं तो आपको पता नहीं चलता कि आप क्या कर रहे हैं। पंजाब का यह स्पिन गेंदबाज इस पूरे विवाद को एक सबक के तौर पर लेता है और उनका मानना है कि भविष्य में इससे उन्हें मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि जो भी होता है अच्छे के लिए होता है। ये सब नहीं होता तो सीखने का मौका भी नहीं मिलता। यह सब भगवान का सिखाने का तरीका होता है। हरभजन का मानना है कि वे मानसिक रूप से इतने मजबूत हैं कि इस परेशानी से उबर जाएँगे।
हरभजन ने कहा कि मुझे लगता है कि कोई शक्ति है जो इस तरह की चीजों से निपटने में मेरी मदद करती है। जब मैं सिर्फ 19 बरस का था तब मुझे बायोमैकेनिक टेस्ट (संदिग्ध एक्शन के लिए) देना पड़ा। 2004-2005 में भी ऐसा ही हुआ। इन सब चीजों से उबरना मेरे लिए काफी मुश्किल था, लेकिन मैं हमेशा भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि मुश्किल परिस्थितियों में मेरी मदद करे।
प्रतिबंध खत्म होने के बाद श्रीलंका जाने वाली टीम से जुड़ने का इंतजार कर रहे हरभजन फिलहाल राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं एनसीए में अपने खेल पर कड़ी मेहनत कर रहा हूँ। साथियों के साथ मिलकर ट्रेनिंग करना काफी अच्छा है। मैं यहाँ गुजारे समय का लुत्फ उठा रहा हूँ और श्रीलंका दौरे के लिए बेताब हूँ।

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