Jul 23, 2008

सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष के पद पर बने रह सकते है : कांग्रेस

नई दिल्ली, २३ जुलाई- कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी माकपा से निष्कासन के बाद भी अपने पद पर बने रहे सकते हैं।
कांग्रेस की प्रवक्ता जयंती नटराजन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि चटर्जी भले ही माकपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे, लेकिन वह सर्वसम्मति के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष बने थे। उन्होंने कहा कि उनकी नजर में चटर्जी के पद पर बने रहने में कोई आपत्ति नहीं हो सकती क्योंकि उन्होंने बहुत ही निडरता से काफी अच्छा काम किया है।
श्रीमती नटराजन ने कहा कि किसी को यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष हैं न कि माकपा के। प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में यह माना कि अगर चटर्जी अब भी अपने पद पर बने रहते हैं तो यह निराली ही बात होगी।
इस बीच राजद नेता और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि सोमनाथ चटर्जी को माकपा से निष्कासित करने का माकपा पोलित ब्यूरो का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल किया कि जब वे लोकसभा के अध्यक्ष पद पर बैठे हैं तो उन्हें कैसे पार्टी से निकाला जा सकता है क्योंकि लोकसभा का अध्यक्ष पार्टी नियमों से बंधा नहीं होता है और वह दलगत भावना से ऊपर होता है। उन्होंने कहा कि इस पद को दल-बदल कानून से छूट मिली हुई है।
माकपा के पोलित ब्यूरो ने आज सोमनाथ चटर्जी को तत्काल प्रभाव से पार्टी की सदस्यता से निष्काषित करने का फैसला करते हुए कहा था कि उन्हें अपने पद के साथ गंभीर समझौता करने के आधार पर पार्टी से निष्काषित किया गया है।
लेकिन सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि सीपीएम से निकाले जाने के बाद सोमनाथ चटर्जी लोकसभा स्पीकर के पद से जल्दी ही इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने पहले भी संकेत दिया था कि अगस्त तक वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। विश्वास मत पर पार्टी की लाइन से अलग रहकर उन्होंने एक वरिष्ठ नेता और जिम्मेदार स्पीकर की भूमिका निभाई। उनके करीबी लोगों का कहना है कि सोमनाथ चटर्जी को पद का कोई मोह नहीं है और कोई ऐसा न समझे कि सिर्फ पद पर बने रहने के लिए ही उन्होंने पार्टी लाइन तोड़ी। इसलिए यह लगभग तय है कि वह स्पीकर का पद छोड़ देंगे।

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