वाशिंगटन, २ अक्टूबर- अमरीकी कांग्रेस द्वारा भारत।अमरीका असैन्य परमाणु करार पर बुधवार रात को मुहर लगाने के साथ ही भारत के साथ अमरीकी परमाणु व्यापार पर करीब तीन दशक से लगी पाबंदी खत्म हो गयी है ।
अमरीकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने १३ के मुकाबले ८६ मतों से पारित कर हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति जार्ज बुश के पास भेज दिया । सीनेट ने यह कदम अमरीकी विदेशमंत्री कोंडोलीजा राइस के इस हफ्ते भारत के संभावित दौरे से पहले उठाया है ।
श्री बुश की विदेश नीति की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक इस करार को अमरीकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने पहले ही पारित कर दिया है । बुश प्रशासन का मानना है कि भारत-अमरीका असैन्य परमाणु करार को अमलीजामा पहनाने के बाद भारत की ऊर्जा जरुरतें पूरी होने के साथ अरबों रुपये का परमाणु बाजार खुल जाएगा ।
हालांकि कुछ आलोचकों का कहना है कि भारत को परमाणु ईंधन और तकनीक आयात करने की छूट दिए जाने के बाद परमाणु हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने के प्रयासों को नुकसान पहुंचेगा क्योंकि उसने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने के बाद भी परमाणु परीक्षण किए हैं ।
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