Sep 1, 2008

किसानों का भूमि नहीं देने का ऐलान

खुर्जा, १ सितम्बर-(बुलंदशहर)। अट्ठारह वर्ष पूर्व मामूली मुआवजे पर पांच गांवों की जमीन का अधिग्रहण किए जाने के मामले को लेकर रविवार की दोपहर दशहरा के निकट चामड़ मंदिर पर किसानों ने पंचायत की। इस दौरान किसानों ने संघर्ष समिति का गठन किया और सरकार को भूमि नहीं देने की घोषणा की।
प्लास्टिक नगरी के नाम पर १८ वर्ष पहले सरकार ने अरनियां क्षेत्र के पांच गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया था। भूमि का मुआवजा ढाई रुपये गज तय किया गया था। इससे क्षेत्रीय किसानों में नाराजगी है। क्षेत्रीय किसानों ने भूमि अधिग्रहण को लेकर सरकार को चेताया कि वह अधिग्रहीत भूमि को लेने का प्रयास न करे। उचित मुआवजा दिए बिना यदि सरकार ने जमीन कब्जाने की कोशिश की, तो वह सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे।
इस दौरान किसानों ने संघर्ष समिति का गठन किया। कमल सिंह चौहान को इसका अध्यक्ष, दलवीर सिंह को उपाध्यक्ष और कैलाश चंद शर्मा को सचिव बनाया गया। पंचायत में पहुंचे बसपा विधायक अनिल शर्मा और खुर्जा लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी सुरेन्द्र नागर ने किसानों की समस्या सुनी और इसके समाधान का भरोसा दिलाया। पंचायत की अध्यक्षता लाजपत शर्मा ने और संचालन गांव जहानपुर के प्रधान प्रेमसिंह राघव ने किया।

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