लंदन, १९ सितंबर- एक प्रमुख विशेषज्ञ संस्था ने कहा है कि पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को अपने देश की सेना से खतरा है। सेना विद्रोही तालिबान के खिलाफ प्रभावी रूप से लड़ने को भी इच्छुक नहीं है।
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज ने कहा कि पाकिस्तान सेना विद्रोही तालिबान के खिलाफ प्रभावी रूप से लड़ने के लिए अनिच्छुक बनी हुई है। जरदारी के लिए मुख्य चुनौती सेना का भरोसा जीता है जो उनके लिए खतरा बन सकती है।
संस्था के प्रमुख जॉन चिपमैन ने सामरिक सर्वेक्षण २००८ रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि जरदारी की शीर्ष प्राथमिकता अफगानिस्तान की सीमा से जुड़े कबाइली इलाकों में आतंकवाद एवं इस्लामिक उग्रवाद से लड़ना है।
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