
उन्होंने कहा कि देश में सर्वोच्च सत्ता पर बैठे अधिकतर नेताओं में राष्ट्र प्रेम का अभाव है। कुछ बचे खुचे ऐसे नेता हैं, जिनमें राष्ट्र प्रेम की भावना भरी है।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रवाद के बारे में बताया और कहा कि भ्रष्ट और आतंकवादी चरित्र वाले नेताओं का इस पवित्र धरती पर कोई स्थान नहीं है।
देश राष्ट्रवादी नेताओं और लोगों से खाली नहीं है, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है।
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