भदोही, ४ सितम्बर- स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा जननी सुरक्षा योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला बुधवार को अंतत: तब खुला जब उधवां में लाभान्वित महिलाओं सहित संबंधित आशा कार्यकर्त्री को एएनएम द्वारा १४०० रुपये नकद वितरित करना पड़ा। गत दिवस जागरण में छपी खबर के बाद यह मामला खुलकर सामने आया है। गत वर्ष उधवां गांव में चार महिलाओं का प्रसव हुआ था जिन्हे योजना का लाभ नहीं मिला।
एएनएम ललिता देवी से जब महिलाओं ने इस बावत जानकारी मांगी गयी तो कहा गया कि पैसा अभी पैसा नहीं आया है। इस बात की शिकायत महिलाओं ने पूर्व ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख श्रीमती वंदना तिवारी से की। जब उन्होंने पता लगाया तो मालूम हुआ कि उधवां गांव की पांच महिलाओं के नाम का चेक कई माह पूर्व ही निकाला जा चुका है। इस बात पर श्रीमती तिवारी ने सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन करने का एलान कर दिया। जब जागरण में ३० अगस्त को खबर छपी की 'बेलन-चिमटा लेकर महिलायें करेगी सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन'। तो मामले की लीपापोती करने गांव में सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. पीवी सिंह, एएनएम व अन्य पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका घेराव कर लिया। मौके पर ब्राह्मण महासभा के प्रदेश संरक्षक राकेश उर्फ पप्पू तिवारी भी पहुंच गये। अंतत: चार महिलाओं उर्मिला देवी, संध्या देवी, ललिता देवी व पूजा देवी को १४००-१४०० रुपये नकद दिये गये।
यहां एक खुलासा और हुआ जब पता चला कि रेखा मौर्या नामक जिस महिला के नाम का प्रसव दिखाकर चेक निकाला गया था वह फर्जी है। लोगों ने दबाव देकर गांव की अति गरीब महिला राजकुमारी देवी को यह पैसा दिलवा दिया। मौके पर मौजूद श्री तिवारी का कहना था कि अभी यह एक मामला है जबकि जांच की जाय तो लाखों रुपये घोटाले की बात सामने आयेगी। कहा कि प्रसव व नसबंदी के दौरान होने वाली धांधली का खुलासा भी किया जायेगा। उधर, दोषी एएनएम ललिता देवी का कहना था कि पांचों चेक स्वामीनाथ मिश्र नामक व्यक्ति ने लिया था जो मर्चवार निवासी आशाकर्मी का पुत्र है। चिकित्सा अधीक्षक डा. पीवी सिंह ने कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
No comments:
Post a Comment