चेन्नै / मुंबई, २६ अगस्त- भारत ने सोमवार को न्यूक्लियर सप्लाई ग्रुप की अगले महीने होने वाली बैठक में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में छूट से संबंधित समझौता पारित होने की उम्मीद जताई है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन ने कहा कि भारत को छूट मिलने की पूरी उम्मीद है।
उधर संशोधित मसौदे में देश पर बंधन लादने वाली कंडीशंस के शामिल होने की आशंकाओं के बीच परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष अनिल काकोडकर ने कहा कि हम असैन्य परमाणु सहयोग चाहते हैं लेकिन किसी भी कीमत पर नहीं।
उन्होंने दावा किया कि भारत कोई शर्त स्वीकार नहीं करेगा। काकोडकर ने स्पष्ट किया कि भारत परमाणु करार पर अपने को दबाव में नहीं आने देगा और छूट समझौता तभी स्वीकार करेगा जब यह १८ जुलाई २००५ के भारत अमेरिका संयुक्त बयान के दायरे में हो।
भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में एक कार्यक्रम के बाद काकोडकर ने पत्रकारों से कहा कि भारत किसी अतिरिक्त शर्त के बिना स्वीकार्य एनएसजी छूट स्पष्ट छूट की उम्मीद कर रहा है तथा इसका दायरा अमेरिका के साथ १८ जुलाई २००५ को हुई सहमति के दायरे के भीतर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि असैन्य परमाणु सहयोग जरूरी है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि यह किसी भी कीमत पर हो।
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