मुंबई, २६ अगस्त- भोजपुरी सिनेमा में कुछ नया करने की चाहत रखनेवाले भोजपुरी के सिल्वर जुबली सिल्वर स्टार दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ" लगता है मुख्यधारा के फिल्म स्टार कमल हासन और आमिर खान की तरह परफेक्शनिस्ट बनना चाहते हैं।
वे दृश्यों को जीवंत करने के लिए कठिन से कठिन और खतरनाक स्टंट खुद करते हैं। इस बार भोजपुरी फिल्मों की शैली के विपरीत उन्होंने अपने गेटअप में वास्तविकता लाने के लिए सर भी मुंडवा डाला।
अपने चरित्र को भी जीवंत करने के लिए ‘नरसंहार" के रूप में एक नया किरदार निभाने जा रहे है। ‘निरहुआ" को पूरा यकीन है कि ‘नरसंहार" का यह किरदार भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर बनकर उभरेगा। यह न केवल भोजपुरी के लिए अनूठा है बल्कि दिलचस्प भी है।
फिल्म के एक दृश्य में इस नायक के पूरे परिवार की हत्या कर दी जाती है। इस जघन्य हत्याकांड के बाद फिल्म की कहानी पूरी इसी घटनाचक्र के आसपास घूमती रहती है। नायक अपने पूरे परिवार के दाह - संस्कार के बाद सामाजिक व धार्मिक मर्यादा के अनुसार बालों का मुंडन करवाता है।
वैसे इसे किसी और तरीके से भी फिल्माया जा सकता था मगर इस दृश्य को जीवंत करने के लिए निरहुआ ने ज़िद करके सचमुच का मुंडन करवाया। अब ऐसा करना तो अभिनय के प्रति पागलपन या जुनून ही माना जा सकता है। शायद इसी कारण निरहुआ आज आम दर्शको की पहली पसंद बने हुए हैं।
‘निरहुआ" का मानना है कि, “सौ फिल्में करने से अच्छा है कि एक ही फिल्म करो जो इतिहास बन जाए। लोगों का मानना है कि यह घटना इस बात का संकेत है कि अब वो दिन दूर नहीं जब भोजपुरी सिनेमा के अन्य निर्माता – निर्देशक भी कुछ नया करने की चाहत में लीक से हटकर फिल्म बनाना शुरू कर देंगे।
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