Aug 26, 2008

बिहार में कोसी नदी उफान पर ४० लोगों की मौत

बिहार, २६ अगस्त- बिहार में कोसी नदी ने कहर ढाना शुरू कर दिया है अधिकारियों का कहना है कि राज्य के तीन ज़िलों में आई बाढ़ में कम से कम ४० लोगों की मौत हो गई है जबकि १० लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
नेपाल से सटे अररिया, सुपॉल और मधेपुरा ज़िलों में सबसे ज़्यादा नुकसान पहुँचा है। राज्य में नेपाल से आने वाली कोसी नदी के तटबंध टूट गए थे जिसकी वजह से नदी में उफ़ान आया है। इस इलाक़े में आमतौर पर बाढ़ नहीं आती है। आख़िरी बार १९५२ में यहाँ बाढ़ आई थी। बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने स्थिति को भयावह बताया है।
अधिकारियों ने कहा है कि हालात ख़राब हैं और बड़े पैमाने पर बचाव और राहत कार्य चलाए गए हैं। बचाव कार्य के लिए २०० कश्तियाँ और २५ मोटर वाली नावें इस्मेताल की जा रही है। प्रभावित इलाक़ों तक खाने के पैकेट पहुँचाने के लिए हेलीकॉप्टरों की मदद ली गई है। अधिकारियों ने बताया कि ५० से ज़्यादा शिविर लगाए गए हैं। बाढ़ से बचने के लिए लोगों ने हाइवे और ऊँची इमारतों में शरण ली है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक एक बाढ़ प्रभावित व्यक्ति संजीव कुमार ने बताया, "करीब ७००-८०० घरों को नुकसान पहुँचा है। लोग किसी तरह लकड़ियों और घरों की छतों पर टिके हुए हैं। जिन घरों की छतों को नुकसान पहुँचा है उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें।"
मंगलवार सुबह बिहार के दो जेलों में से १०० क़ैदियों को दूसरे सुरक्षित जेलों में ले जाया गया। रिपोर्टों के मुताबिक बाढ़ के कारण हज़ारों हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा है। बिहार सरकार ने राहत एजेंसियों से अपील की है कि वे बाढ़ प्रभावित इलाक़ों तक राहत पहुँचाने में मदद करें। हालांकि बहुत से लोगों का कहना है कि अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है।
बाढ़ से प्रभावित जुगत लाल ने रॉयॉर्स को बताया, "किसी तरह का कोई इंतज़ाम नहीं किया गया है। हम नदी के पास ही रहते हैं, जब प्यास लगती है तो इसी का पानी पीते हैं हालांकि इसी नदी के कारण लोगों की मौत भी होती है।" इस बीच पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में जून के बाद से भारी बारिश और बाढ़ के चलते ७०० लोग मारे जा चुके हैं। अधिकारियों के मुताबिक ज़्यादातर मौतें घर ढहने से हुई हैं।

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