लखनऊ, १३ अगस्त- लखनऊ में एक रोचक दृश्य देखने को मिला जब योजना आयोग की सदस्य और इस्लामी विद्वान डॉक्टर सईदा हमीद ने मंगलवार रात हजरतगंज में निकाह पढ़वाया। यह वाकया अपने आप में इसलिए तारीखी हो गया, क्योंकि यहाँ निकाह पढ़वाने वाली एक महिला थी। पाँच में से चार गवाह भी महिलाएँ ही बनीं।
रात ९ बजे जैसे ही डॉक्टर सईदा ने मजलिस के सामने नाईस हसन और इमरान अली से निकाह की रस्म अदा कराते हुए कुरआन की आयतें पढ़ीं, सारा मंजर इतिहास में दर्ज हो गया।
निकाह की खास बात यह थी कि मेहर की रकम ५१ हजार रुपए तय हुई, जिसे इमरान ने चेक के जरिए तुरंत अदा कर दिया। निकाह भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन द्वारा तैयार किए गए एक निकाहनामे के तहत पढ़ाया गया।
केंद्रीय योजना आयोग की सदस्य डॉक्टर सईदा शिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिला हैं, वहीं दूल्हा और दुल्हन सुन्नी संप्रदाय के हैं।
नाईश लखनऊ की रहने वाली हैं और आन्दोलन की संस्थापक सदस्य हैं और दूल्हा बने इमरान इस वक्त गुजरात में सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं। इस मौके की गवाह बनने के लिए शहर और बाहर के समाजिक कार्यकर्ता भी जुटे थे।
नाईश का कहना है कि उन्होंने यह निकाह रूढ़ीवादी परंपरा को तोड़ने के लिए किया है, वहीं इमरान अली ने कहा उन्हें इस तरह निकाह कर खुशी हो रही है। वे हमेशा से महिला अधिकारों के पक्षधर रहे हैं और निकाह इसे साबित करता है।
उन्होंने कहा हमने इस तरह एक प्रगतिशील कदम की बुनियाद रखने की कोशिश की है। गुजरात की जकिया जौहर ने कहा यह निकाहनामा पूरी तरह कुरआन पर आधारित है और इसे इस्लाम के विद्वानों से सलाह-मशविरा करने के बाद तैयार किया गया है।
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