नई दिल्ली, २५ जुलाई- महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ उत्तेजक भाषण देने के मामले में झारखंड में जमशेदपुर की अदालत में चल रहे मुकदमे के निपटारे के लिए सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली है।
राज ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ जिस आदमी ने याचिका दाखिल की है वह राष्ट्रीय जनता दल का प्रवक्ता है और यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और यह केवल सस्ता प्रचार पाने का तरीका है। जमशेदपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए ठाकरे को आईपीसी की धारा १५३ ए, १५३ बी और ५०४ के तहत समन जारी किए थे। इस पर राज ने इस आदेश के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने ठाकरे को राहत देते हुए १५३ ए और १५३ बी के आरोप तो हटा दिए, लेकिन धारा ५०४ नहीं हटाई ।
सुप्रीमकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में राज ने कहा कि वादी ने अपनी याचिका में उनके तथाकथित आग उगलने वाले भाषण की प्रति नहीं संलग्न की और उस पर भी अदालत ने शिकायत का संज्ञान ले लिया। राज ने दावा किया कि उनके खिलाफ की गई शिकायत पूरी तरह टीवी की रिपोर्ट पर आधारित है और इस मामले में टीवी समाचार चैनल को वादी नहीं बनाया है।
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