इस्लामाबाद, १५ अगस्त-पिछले नौ सालों से पाकिस्तान की सत्ता को अपने तरीके से चला रहे राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को सत्तारूढ गठबंधन की ओर से महाभियोग चलाने के फैसले के बाद आखिरकार अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय करना ही पडा ।
हालांकि श्री मुशर्रफ ने इस्तीफा देने के पहले सरकार से अपने वास्ते सुरक्षित रास्ते की भी मांग की है । स्थानीय अखबार द न्यूज में आज रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार के हवाले से श्री मुशर्रफ द्वारा सरकार से सुरक्षित रास्ता मांगने और राष्ट्रपति के करीबी सिपहसालारों के हवाले से उनके इस्तीफे के फैसले की जानकारी दी गयी है ।
राष्ट्रपति के करीबी सूत्रों ने बताया कि श्री मुशर्रफ ने महाभियोग का सामना करने की बजाय अपने पद से इस्तीफा देना ज्यादा मुनासिब समझा है1 सूत्रों ने बताया कि श्री मुशर्रफ ने बुधवार देर शाम अपने कुछ खास लोगों को पद छोडने का संकेत देते हुये कहा॥मैं विरोधी विचारों वाली सरकार के साथ अब आगे काम नहीं कर सकता और मौजूदा स्थिति को आगे बढाने से राष्ट्रीय हित प्रभावित होंगे । इतना ही नही राष्ट्रपति भवन की चारदीवारी के बाहर भी फिजां में यह बात तैर रही है कि मुल्क को संवारने के लिये किये गये भरसक प्रयासों के बावजूद श्री मुशर्रफ की स्वीकार्यता अब ना के बराबर रह गयी है । इस बारे में बनी तस्वीर इतनी साफ हो चुकी है कि श्री मुशर्रफ को भी अब इस सच्चाई का अहसास हो गया है ।
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