बिहार, २८ अगस्त-कोसी नदी के कहर से अब तक ४० लाख लोग विस्थापित माने जा रहे हैं। लाखों की संख्या में लोग फंसे पड़े हैं, जिनको निकालने की कोशिशें जारी हैं। १४ जिलों के दूरदराज के इलाके बिल्कुल अलग-थलग पड़े हैं। नावों की संख्या बढ़ाने का दबाव लगातार बना हुआ है।
हालांकि केंद्र सरकार ने बिहार को १००० करोड़ रुपये देने का ऐलान कर दिया है, लेकिन कई दिनों से फंसे लोगों को मदद पहुंचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। खाने के सामान के पैकेट बांटे जा रहे हैं, लेकिन ये सभी पीड़ितों की पहुंच से अभी भी बाहर है। राहत के पैकेट में चूड़ा, चीनी, सत्तू दिया जा रहा है। साथ ही नमक और माचिस की डिब्बी भी बांटी जा रही है। बिहार के विस्थापित लाखों लोगों को बड़े पैमाने पर मदद की जरूरत है।
हवाई सर्वेक्षण के दौरान प्रधानमंत्री के साथसंप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल, रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, रसायन और उर्वरक मंत्री रामविलास पासवान तथा केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री जयप्रकाश नारायण यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी थे।
प्रधानमंत्री ने बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को निकालने और पीड़ितों को खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए उच्च क्षमता वाले हेलीकॉप्टरों को लगाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
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