जालंधर, १८ अगस्त- लगातार हो रही भारी बारिश ने उत्तर भारतीय राज्य पंजाब में ज़बरदस्त तबाही मचाई है। जालंधर, मोगा, फिरोज़पुर और कपूरथला ज़िले बाढ़ से खासे प्रभावित हुए हैं । भारी बारिश के कारण सतलुज नदी पर बने धुस्सी बाँध में १५० फ़ीट चौड़ी दरार पैदा हो गई है जिसकी वजह से करीब १०० गाँवों में पानी घुस गया है ।
सेना की मदद से प्रभावित गाँवों के तक़रीबन २५० परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया गया है जबकि सैकड़ों परिवार अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं । बाढ़ ने जालंधर-फ़िरोज़पुर रेल सेवा को भी प्रभावित किया है । रेलवे के अनुसार किसी अनहोनी को टालने के लिए रविवार से इस रेल लाइन की सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है ।
अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ ने हज़ारों एकड़ क्षेत्र पर लगी धान की खेती को पूरी तरह तबाह कर दिया है । जालंधर की लोहियाँ सबडिवीज़न के कई गाँव पानी में डूब गए हैं ।
इस बाढ़ के कारण अब तक किसी के मारे जाने की ख़बर नहीं है । इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बारिश से होने वाली तबाही का आकलन करने का आदेश दिया है । पटियाला में घग्गर नदी भी ख़तरे के निशान से सिर्फ़ छह इंच नीचे बह रही है। इसकी वजह से अधिकारियों ने पाटरन और समाना सबडिवीज़न के गाँवों को सतर्क कर दिया है ।
उनका कहना है कि नदी में अचानक पानी बढ़ जाने से बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है । मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा राज्यों के कुछ स्थानों पर और बारिश होने की भविष्यवाणी की है क्योंकि इन दोनों ही राज्यों में उत्तर-पश्चिम मानसून सक्रिय है । हरियाणा के यमुनानगर, सोनीपत और भिवानी में भी स्थिति चिंताजनक है ।
मौसम विभाग का कहना है कि रावी नदी तरनतारन के अजनाला में ख़तरे के निशान पर बह रही है और अधिकारियों ने क्षेत्र के लोगों को सतर्क कर दिया है । पंजाब के मधोपुर को सबसे ज़्यादा पानी वाला क्षेत्र बताया गया है जहाँ १०१ मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है जबकि रंजीत सागर बाँध क्षेत्र में ८७ मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई
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