दस में से नौ माता-पिता मानते हैं कि उनके बच्चे की स्कूल की फीस वास्तव में बहुत ज्यादा है और इसके भरने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करते हैं।
उद्योग संगठन एसोचैम के आज यहाँ जारी एक सर्वेक्षण में यह दावा करते हुए कहा गया कि स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे का वार्षिक खर्च औसतन 65 हजार रुपए हो गया है जो वर्ष 2005 में 25 हजार रुपए प्रति वर्ष था। संगठन ने इस दौरान सर्वेक्षण में शामिल किए गए माता-पिताओं की वार्षिक आमदनी में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
इस सर्वेक्षण में दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, देहरादून, पुणे, बंगलुरु, चेन्नई और चंडीगढ़ के लगभग 2000 हजार दंपत्तियों को शामिल किया गया। देश के लगभग तीन करोड़ बच्चे निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं, जिनकी फीस मुद्रास्फीति के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ती है।
Jun 30, 2008
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