Aug 22, 2008

मुम्बईवासी खुद ही निपटेंगे आतंकवाद से

मुम्बई, २२ अगस्त- आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली मुम्बई में कई सालों से मीरा रोड का इलाका आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाए जाने वाले गढ़ के तौर पर बदनाम है। लेकिन इस इलाके में रहने वाले लोगों ने ठाना है कि अब वे अपनी पहचान ‘संदिग्ध’ के तौर पर नहीं होने देंगे।
नयानगर में रहने वाले अचल सम्पत्ति क्षेत्र के एजेंट अहमद चौगले ने बताया कि, “हमने पूरे इलाके में पर्चे बांटे है और लोगों से कहा कि वे अपने आस-पड़ोस के माहौल में किसी भी संदिग्ध गतिविधियों के प्रति सतर्क रहें।”
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद गुलाम ने बताया कि, “हमारे लोगों का एक दल नयानगर इलाके में अक्सर गश्त लगा कर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रहा है।”
दरअसल, मीरा रोड के नयानगर इलाके के निवासियों ने इलाके में छिपकर साजिश रचने वाले आतंकियों के सफाए का अभियान छेड़ दिया है।
गौरतलब है कि लगभग सात संदिग्ध आतंकियों को पहले ही मीरा रोड से गिरफ्तार किया गया है। माना जा रहा है कि अहमदाबाद धमाके के मास्टरमाइंड तौकीर कुरेशी का ताल्लुक भी इसी इलाके से है। अब मीरा रोड इलाके के लोग खुद ही कुछ नियम कानून बनाकर बदनामी के इस कलंक को मिटाने की कोशिश में जुट गए हैं।
लेकिन ये कानून महज पर्चों तक सीमित नहीं है। इस इलाके के युवा अलग-अलग गुटों में लगातार पूरी रात सभी गतिविधियों पर नजर बनाए रखे हैं। यहां के स्थानीय निवासियों का पूरा विवरण रजिस्टरों में दर्ज किया जा रहा है, और इनके यहां आने वाले रिश्तेदारों का भी पूरा ब्यौरा रखा जा रहा है। इलाके के गुमशुदा लोगों से संबंधित खोजबीन की जा रही है।
इस्लाम का नाम बदनाम करने वाले कुछ संगठनों से निपटने के लिए छेड़े गए इस ‘सतर्कता अभियान’ में स्थानीय मस्जिदों और धार्मिक विदों की भी मदद ली जा रही है। मीरा रोड इलाके के मस्जिद इमाम मौलाना मंसूर अहमद का कहना है कि, “कुछ लोग ऐसा काम कर रहे हैं, जो इस्लाम के खिलाफ है।”
इस बीच, आतंकी धमकियों से निपटने के लिए अत्यधिक दबाव झेल रही पुलिस ने भी स्थानीय लोगों के पहरेदारी करने की इस अनोखी पहल का स्वागत किया है।

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