
दूसरी ओर पाकिस्तान ने कहा है कि वो विदेशी सेना को अपने इलाक़े में घुसने की अनुमति नहीं देगा। इस बीच पाकिस्तान में सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान से लगी सीमा पर सौ से ज़्यादा चरमपंथियों को मारा है। अमरीका यह कहता रहा है कि पाकिस्तान का कबायली इलाक़ा चरमपंथियों का पनाहगार साबित हो रहा है जो अफ़ग़ानिस्तान में जाकर हमले करते हैं। लेकिन पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफ़ाक़ परवेज़ कियानी ने कहा है कि 'इस तरह के किसी समझौते या सहमति का सवाल ही नहीं है जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय सेना हमारी सीमा में कार्रवाई करे।'
अमरीकी राष्ट्रपति ने जो आदेश दिया है उसमें पैदल सेना को पाकिस्तानी सीमा में घुस कर चरमपंथियों को निशाना बनाना शामिल है। इस आदेश से साबित होता है कि अमरीका चरमपंथियों के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की नीति से हताश है। इस बात की चिंता भी बढ़ रही है कि ये चरमपंथी अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद नैटो और अमरीकी सैनिकों के लिए ख़तरा बन रहे हैं। हालाँकि अमरीका ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के साथ मिल कर काम करने की नीति बनाई है। अमरीकी सेनाओं के प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन ने भी गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ सहयोग करने की ज़रूरत है.
No comments:
Post a Comment