नई दिल्ली, २९ सितम्बर- भारत के साथ बेहतर रिश्तों को लेकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भले ही उत्सुक हों, लेकिन नई दिल्ली इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि जरदारी आतंकवाद के खिलाफ अपने वादे को निभा पाएंगे।
न्यूयार्क में बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और जरदारी के बीच हुई मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान ने छह जनवरी २००४ के घोषणापत्र पर कायम रहने की बात दोहराई थी।
उस घोषणापत्र में पाकिस्तान ने अपनी जमीन से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमले की अनुमति नहीं देने का वादा किया था।
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि भारत की दृष्टि से संयुक्त बयान एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें जरदारी सार्वजनिक मंच से सीमापार आतंकवाद पर टिप्पणी के लिए राजी हो गए थे।
सूत्रों ने कहा कि जरदारी वचनबद्ध हैं लेकिन अभी यह देखा जाना बाकी है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कहां तक कार्रवाई कर पाते हैं।
वाशिंगटन में गुरुवार को प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के बीच हुई मुलाकात में भी पाकिस्तान का मुद्दा छाया रहा।
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