बिहार, ३० अगस्त-कोसी नदी में आई भयानक बाढ़ में सेना की एक बचाव नौका डूब गई। इस नाव पर सवार पचास लोगों में से कम से कम 15 के डूब जाने की आशंका है । मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक ओपी भास्कर ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि सेना की यह नाव बाढ़ में घिरे लोगों से भरी थी और इसके डूब जाने से कम से कम पंद्रह लोग डूब गए हैं, जिनके जीवित बचने की संभावना नहीं है ।
भास्कर ने बताया, "मुरलीगंज़ थाने के अंतर्गत मीरगंज इलाक़े में सेना की नाव लोगों को बचाने के लिए गई थी, वहाँ धारा बहुत तेज़ थी, नाव उलट गई और बहाव में कई लोग बह गए, हमने तत्काल बचाव अभियान शुरू किया और लगभग ३० लोगों को निकाल लिया गया लेकिन पंद्रह के क़रीब लोगों को नहीं बचाया जा सका।"
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नाव पर लगभग ५० लोग सवार थे, यह घटना भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे के आसपास हुई। उन्होंने बताया कि बचाव दल में शामिल सेना के एक हवालदार और एक पदाधिकारी के डूब जाने की भी आशंका है ।
ख़राब मौसम के कारण बचाव और राहत कार्यों में ख़ासी दिक्कत आ रही है और सैकड़ों गाँव बाढ़ के पानी की चपेट में हैं । उधर भारत के प्रधानमंत्री इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर चुके हैं और उन्होंने प्रभावित क्षेत्र के लोगों को राहत पहुँचाने के लिए १००० करोड़ के पैकेज की घोषणा की है ।
कोसी नदी का तटबंध टूटने के बाद आई इस बाढ़ ने भारत के बिहार राज्य के १५ ज़िलों को अपनी चपेट में ले लिया है और इससे २५ लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। लेकिन चार ज़िलों, सुपौल, सहरसा, अररिया और मधेपुरा में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर है ।
सेना की मदद से प्रशासन लोगों को बचाने और राहत पहुँचाने में लगा हुआ है और अब तक एक लाख २४ हज़ार लोगों को बाढ़ के बीच से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा चुका है. लेकिन मौसम विभाग ने अगले ४८ घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है और इससे प्रशासन और परेशान हो गया है ।
हेलिकॉप्टर से खाद्य पैकेट गिराए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी याद में ऐसी भयंकर बाढ़ नहीं देखी है। माना जा रहा है कि कोसी नदी ने अपनी धारा बदल ली है और अब वह उस रास्ते से बह रही है जहाँ से दो सौ साल पहले बहा करती थी और इसी के कारण बाढ़ उन इलाक़ों तक पहुँच गई है जहाँ पहले बाढ़ नहीं आती थी ।
प्रशासन ने ३९६ मोटर बोट और नावों से लोगों को बचाने का काम जारी रखा हुआ है लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार ने और बोट मंगवा ली हैं और जल्दी ही ७०० बोट और नावें लोगों को बचाने में लगा दी जाएँगीं।
राज्य सरकार के अनुसार बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित चार ज़िलों में अब तक ६५ हज़ार से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है और सभी १५ ज़िलों में एक लाख २४ हज़ार लोग बचाए जा चुके हैं।
फ़िलहाल प्रशासन तीन हेलिकॉप्टरों की मदद से बाढ़ में फँसे हुए लोगों के लिए खाद्यान्न सामग्री गिराने के काम में लगा हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार ने अधिक क्षमता वाले बड़े हेलिकॉप्टर देने का आश्वासन भी दिया है।
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